Pearl Farming training मोती की खेती का प्रशिक्षण कहा से ले ?
प्राचीन काल में मोती बहुत दुर्लभ था,इसको प्राप्त करने की प्रकिया बहुत मुश्किल थी । उस समय इसका प्रयोग राजा महाराजा या फिर ऊचे तबके के लोग इसका प्रयोग करतें थे ।तब मोती का प्रयोग आभूष्णों में,सजावटी चीज़ो में काफी प्रयोग होता था । उस समय मोती को प्राप्त करने का सिर्फ एक ही तरीका था मछुवारो द्वारा मछली पकड़ने के दौरान किसी सीप का जाल में फस जाना या फिर किसी मरी हुई सीपी का समंदर किनारे आ जाना ।यह प्रकिया बहुत धीमी थी और हमेशा सीपी के मुँह में जरुरी नहीं होता की मोती ही हो इसी कारन प्राप्त मोती काफी दुर्लभ होता था । आधुनिक युग में मोती का जायदातर उपयोग आभूष्णों और दवाओं में होता है इस जरुरत को ध्यान में रखते हुवे मोती की खेती की बड़े पैमाने पर जरुरत हुई । इसके दो विकल्प थे की या तो मोती पालन द्वारा मोती का उत्पादन किया जाए और असली मोती जैसे दिखने वाले नकली मोती को प्रयोगशाला में बनाया जाए । मोती पालन के द्वारा प्राप्त मोती की गुणवत्ता बिलकुल असली मोती जैसे ही होती है सिर्फ इतना अंतर होता है की खेती से प्राप्त मोती मानवीय हस्तक्षेप द्वारा तैयार होता है और प्राकृतिक मोती अपने आप तैयार होता